लखनऊ।यूपी एटीएस ने महाराष्ट्र के ठाणे से डॉ. उसामा माज शेख और अजमल अली को बीते दिनों गिरफ्तार किया था। दोनों के मोबाइल फोन की जांच में पाकिस्तान कनेक्शन का बड़ा खुलासा किया है।यूपी एटीएस के हाथ चौंकाने वाले सबूत लगे हैं,जो सीधे तौर पर पाकिस्तान में चल रहे आतंकी नेटवर्क से जुड़े हैं।अधिकारियों के मुताबिक दोनों के मोबाइल से रिवाइविंग इस्लाम नाम के ग्रुप से जुड़ी चैट, वीडियो और डॉक्यूमेंट मिले हैं,जिसमें हिंसात्मक जिहाद फैलाने की बातें हैं।
जांच में सामने आया है कि रिवाइविंग इस्लाम ग्रुप में कई पाकिस्तानी नंबर जुड़े हुए थे,जहां आईईडी बनाने की ट्रेनिंग देने से जुड़े मैसेज मौजूद थे।इस ग्रुप में गजवा-ए-हिंद और हिंसात्मक जिहाद से जुड़े वीडियो भी शेयर किए गए थे। इन वीडियोज के जरिए युवाओं को भड़काने और कट्टरपंथ की राह पर ले जाने की कोशिश की जा रही थी।
इस चैट में पाकिस्तान के कुख्यात थट्टा कैंप का भी जिक्र मिला है,यह वही ट्रेनिंग सेंटर है,जहां 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी अजमल कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी।जांच में पता चला है कि ग्रुप में मौजूद पाकिस्तानी नंबर लगातार भारत के अलग-अलग हिस्सों में युवाओं से संपर्क साध रहे थे।
उसामा माज शेख के मोबाइल में Signal ऐप पर हुई बातचीत में उसे हैदराबाद,आगरा और अहमदाबाद जाने के निर्देश दिए गए थे।जांच से यह भी सामने आया कि उसामा कई बार हैदराबाद और आगरा की यात्रा कर चुका है,इस दौरान वह ग्रुप के सदस्यों के संपर्क में था और पाकिस्तान से मिल रहे निर्देशों पर काम कर रहा था।
रिवाइविंग इस्लाम के वाट्सएप ग्रुप और Signal चैट में कई भड़काऊ वीडियो आगे शेयर करने के निर्देश मिले थे।यूपी एटीएस ने पाया कि भारत में जो युवा इन वीडियोज को बार-बार देख रहे थे या संबंधित वेबसाइट्स पर विजिट कर रहे थे, उन्हें ट्रैक किया जा रहा था। गिरफ्तार किया गया आरोपी अजमल भी ऐसे ही वीडियो देखकर जिहादी विचारधारा से प्रभावित हुआ और इस ग्रुप से जुड़ गया। बरहाल यूपी एटीएस इन मोबाइल से मिले डेटा को डिकोड करने में जुटी है।खासकर पाकिस्तान से जुड़े उन संदेशों को खंगाला जा रहा है, जिनमें आतंकी ट्रेनिंग, टारगेट लोकेशन और नेटवर्क से जुड़े निर्देश हो सकते हैं।