अमेठी।उत्तर प्रदेश के अमेठी में कौहार औद्योगिक क्षेत्र में 30 साल पहले सम्राट साइकिल का शोर गूंजता था,आज यहां गौरी शंकर डेयरी में दूध की धार बह रही है।दशकों से वीरान पड़े इस औद्योगिक क्षेत्र में एक बार फिर से आर्थिक रौनक लौटी है,इससे हजारों परिवारों में उम्मीद की नई किरण जागी है।
बता दें कि 1980 में विकसित हुए कौहार क्षेत्र में मेसर्स सम्राट बाइसिकल ने कारखाना स्थापित किया था,लेकिन कंपनी बंद होने के बाद यह इलाका वीरान हो गया था।अब गौरी शंकर डेयरी की स्थापना से यह क्षेत्र फिर से जीवंत हो गया है।इस डेयरी की स्थापना की नींव यूपीसीडा की ओर से 1 अगस्त 2023 को भूमि आवंटन के साथ रखी गई थी।
बिजली की अड़चन के बाद भी हुई शुरुआत
डेयरी यूनिट का लक्ष्य दिसंबर 2023 तक निर्माण पूरा कर जनवरी से संचालन शुरू करना था,लेकिन 24 घंटे बिजली न मिलने से काम में देरी हुई।इस मुद्दे को उद्योग बंधु की बैठक में उठाया गया,इसके बाद विद्युत विभाग,यूपीसीडा और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों से दो महीनों में समस्या का समाधान हो गया।इस परियोजना में अब तक लगभग 3 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।डेयरी रोजाना 4,200 से 4,700 लीटर दूध का संग्रह और चिलिंग कर रही है। इसकी कुल क्षमता एक लाख लीटर दूध की है, जिसे भविष्य में बढ़ाने की योजना है।
10,000 पशुपालकों को मिल रहा रोजगार
गौरी शंकर डेयरी अभी 190 गांवों से दूध इकट्ठा कर रही है और जल्द ही इसे 230 गांवों तक विस्तारित करने की योजना है।इस यूनिट से लगभग 10,000 दुग्ध किसान सीधे जुड़े हुए हैं,जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुले हैं और उनकी आजीविका मजबूत हुई है।
बता दें कि कौहार औद्योगिक क्षेत्र में उद्यम की अपार संभावनाएं हैं।गौरी शंकर डेयरी एक छोटी यूनिट होने के बावजूद यह साबित कर रही है कि स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देकर परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सकता है। यह डेयरी अब सैकड़ों परिवारों की आजीविका का नया आधार बन चुकी है।