मीरजापुर में गंगा ने खतरे के निशान को किया पार,14 की मौत, लखीमपुर में भी शारदा खतरे के निशान से ऊपर

मीरजापुर में गंगा ने खतरे के निशान को किया पार,14 की मौत, लखीमपुर में भी शारदा खतरे के निशान से ऊपर

06 Aug 2025 |  37

 

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है।नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।सिंचाई विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मीरजापुर जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है।यहां गंगा साल 2021 के अपने उच्चतम जलस्तर से चुनार में सात और नरायणपुर में 18 सेमी ऊपर बह रही है।सिंचाई विभाग की ओर से संबंधित अधिकारियों को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। वहीं बारिश से हुए हादसों में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है।

 

सबसे गंभीर हालत मीरजापुर जिले की है।चुनार में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। 2021 में यहां का जलस्तर खतरे के निशान से 75.28 मीटर से ऊपर पहुंच गया था। मंगलवार को इससे भी सात सेमी ज्यादा हो गया,इससे 36 गांव प्रभावित हैं। यहीं के नरायणपुर में हालत और खराब है।यहां साल 2021 के अपने उच्चतम जलस्तर 74.91 से 18 सेमी ऊपर गंगा बह रही है।ये हालत राजस्थान के चंबल नदी के उफान से पहुंचे बाढ़ के पानी से हुई है।

 

प्रयागराज में यमुना अपने खतरे के निशान 84.74 मीटर से 1.19 मीटर और प्रयागराज के ही छदनाग क्षेत्र में खतरे के निशान 84.374 मीटर से 58 सेमी. ऊपर यमुना बह रही है। वाराणसी,गाजीपुर,बलिया,श्रावस्ती क्षेत्र में बहने वाली नदियों के साथ ही लखनऊ मंडल के लखीमपुर खीरी के पलिया में शारदा खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई। हालांकि देर रात सभी जगह जलस्तर घटने की संभावना है।

 

बारिश से हुए हादसों में चित्रकूट में एक बच्चे समेत दो,महोबा में दो और उन्नाव में एक बच्ची की मौत हो गई। प्रयागराज के फाफामऊ में तीन और बमरौली एयरपोर्ट के पास दो लोग डूब गए।बिजनौर में दो,सीतापुर में एक और मुरादाबाद में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

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