गंगा-यमुना का छह सेमी प्रति घंटे बढ़ रहा जलस्तर,बाढ़ से घिरे 38 गांव और 13 मुहल्ले,हजारों लोगों की बढ़ी परेशानी

गंगा-यमुना का छह सेमी प्रति घंटे बढ़ रहा जलस्तर,बाढ़ से घिरे 38 गांव और 13 मुहल्ले,हजारों लोगों की बढ़ी परेशानी

01 Aug 2025 |  24

 

प्रयागराज।उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।गंगा-यमुना का जलस्तर 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।शहर और गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।बढ़ते जलस्तर से कई गांवों और मुहल्लों में पानी भर गया है,जिससे लोगों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा है।प्रशासन ने राहत शिविरों की व्यवस्था की है और प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है।कल गुरुवार को यमुना की बढ़ने की रफ्तार चार सेमी और गंगा की तीन सेंमी प्रति घंटे थी।

 

कानपुर से गंगा में लगातार तीन दिनों से 82 से 84 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।यमुना में मिल रही केन,बेतवा, टोंस और चिल्ला नदियों का पानी भी बाढ़ पर असर डाल रहा है।बताया जा रहा है कि अभी 5 दिन और राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। लगातार पानी के बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

 

मध्य प्रदेश,राजस्थान,उत्तराखंड,बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही बारिश का असर गंगा और यमुना में दिखने लगा है। गंगा और यमुना प्रयागराज में अब उफान पर हैं। गुरुवार रात दोनों नदियां खतरे के निशान के ठीक दो मीटर नीचे बहने लगीं।इससे 38 गांव और 13 मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिर गए।शहर की नौ तथा गांवों की 19 बस्तियों पानी घुस गया है। इससे तटीय इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।लगभग एक माह में तीसरी बार बाढ़ के हालात उत्पन्न होने से नदियों के किनारे की बस्तियों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल गंगा और यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ने की आशंका जताई गई है।

 

शुक्रवार दोपहर जलस्तर

 

यमुना नैनी में 83.81 मीटर
गंगा फाफामऊ में 83.48 मीटर
दोनों नदियां छतनाग में 83.16 मीटर

 

गुरुवार रात का जलस्तर

 

यमुना नैनी में 82.72 मीटर
गंगा फाफामऊ में 82.68 मीटर
दोनों नदियां छतनाग में 82.30 मीटर
खतरे का निशान -84.73 मीटर

 

खतरे का निशान -84.73 मीटर

 

यमुना में सबसे अधिक पानी आ रहा है।आगरा,इटावा, हमीरपुर और बांदा में यमुना खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।अगर इसी तरह जलस्तर में वृद्धि रही तो प्रयागराज में भी जल्द ही यमुना खतरे का निशान पार कर जाएगी।दरअसल, यमुना में चंबल के साथ ही बुंदेलखंड की पांच पहाड़ी नदियों और मध्य प्रदेश की केन और बेतवा नदियों का लगभग आठ लाख क्यूसेक पानी आ रहा है।गंगा में भी लगभग दो लाख क्यूसेक पानी आ रहा है। गंगा-यमुना में बाढ़ से शहर के तटीय मोहल्लों बघाड़ा, सादियाबाद, दारागंज के दर्जनों घरों में पानी घुस गया है।नेवादा,अशोक नगर की कछारी बस्ती, गंगानगर, राजापुर, बेली कछार और चिल्ला के भी कई घरों में पानी घुस गया है,दो दर्जन गलियों में पानी आ गया है, घरों में पानी घुसने से काफी लोग पहली और दूसरी मंजिल पर ठौर जमा लिए हैं। वहीं काफी संख्या में लोग रिश्तेदारों अथवा परिचितों के घर पहुंच गए हैं।

 

निचले इलाकों में लोग अपने सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं।बाढ़ को लेकर गंगा और यमुना किनारे सदर तहसील,करछना,मेजा,बारा,सोरांव,फूलपुर और हंडिया क्षेत्र में कुल 87 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। सभी एसडीएम,तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की राजस्व कर्मियों के साथ तटीय क्षेत्रों में ड्यूटी लगा दी गई है।

 

बाढ़ का पानी घरों में घुसने से काफी संख्या में लोगों को घर छोड़ना पड़ा है।गुरुवार दोपहर बाद शहर के दो राहत शिविर एनी बेसेंट बघाड़ा और कैंट मैरिज हाल शुरू करा दिए गए।एनी बेसेंट में 30 और कैंट के राहत शिविर में छह बाढ़ प्रभावित रात तक पहुंच गए थे।राहत शिविरों में अभी संख्या बढ़ सकती है। इसको लेकर शिविरों में प्रबंध करा दिए गए हैं।

 

डीएम मनीष कुमार वर्मा ने गुरुवार रात बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।डीएम ने एनी बेसेंट बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचे लोगों का हाल भी जाना।डीएम ने शिविरों में सभी आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए।विशेषतौर पर पीने के पानी,भोजन, विद्युत,शौचालय,साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर रखने को कहा।शिविरों में हेल्पडेस्क की व्यवस्था,जिसमें सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित किए जाने को कहा।डीएम ने एंबुलेंस भी लगाने के निर्देश दिए।

 

डीएम ने सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता को जलस्तर पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। डीएम ने सभी उप जिलाधिकारी और तहसीलदार को अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सभी तैयारियां और‌ आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

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