वाराणसी। पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर उत्तर प्रदेश की नदियों में होने लगा है।यही वजह कि आध्यात्मिक नगरी काशी गंगा फिर उफान पर है।गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा।धीमी रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर सोमवार रात होते-होते 10 सेंटीमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच गया।अस्सी घाट की सीढ़ियों पर दोबारा गंगा का पानी लहराने लगा तो दशाश्वमेध घाट के शीतला मंदिर में एक बार फिर से गंगा का पानी प्रवेश कर गया। रात नौ बजे गंगा का जलस्तर 67.86 मीटर दर्ज किया गया।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार सोमवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 67.22 मीटर था। जलस्तर में बढ़ोतरी की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे थी। दिन में दो बजे जलस्तर 67.38 मीटर पहुंच गया और रफ्तार तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटा हो गई थी।
शाम को छह बजे गंगा का जलस्तर 67.58 मीटर दर्ज किया गया और जलस्तर बढ़ने की रफ्तार प्रति घंटे पांच सेंटीमीटर पहुंच गई थी।रात नौ बजे गंगा के जलस्तर में 28 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो गई थी और जलस्तर 67.86 मीटर तक पहुंच चुका था। गंगा का जलस्तर रात आठ बजे से 10 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा था।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नमो घाट के सबसे बड़े स्कल्पचर से आगे तक पानी बढ़ चुका था। शीतला माता मंदिर में पानी दूसरी बार प्रवेश कर गया। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट का निचला हिस्सा पूरी तरह डूबने से मणिकर्णिका घाट पर छत पर शवदाह हो रहा है जबकि हरिश्चंद्र घाट में अब गली में शवदाह हो रहा है।
फिलहाल गंगा,यमुना और उनसे जुड़ी नदियों के प्रवाह पथ पर बारिश से जलस्तर में लगातार बढ़ाव के ही संकेत मिल रहे हैं। फाफामऊ,प्रयागराज और मिर्जापुर में भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है।काशी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है। अगस्त के प्रथम सप्ताह में गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही थी।