गोरखपुर।उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के रुस्तमपुर और गोरखनाथ इलाके में दो लोगों के व्हाट्सऐप नंबर पर शादी का न्योता आया।किसने भेजा है,यह जानने के लिए जैसे ही उस पर क्लिक किया,फोन हैंग और खाते खाली हो गए।जालसाजों ने चार लाख रुपये उड़ा दिए।ये दो मामले पुलिस में दर्ज हुए हैं, लेकिन जालसाजों के इस नए हथकंडे से आप भी खतरे में हैं। साइबर सेल ने सावधान रहने की सलाह दी है।अगर किसी भी बहाने एपीके फाइल आया है,तो उसे बिल्कुल न खोलें।
डिजिटल युग में जहां सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं भेजना आम बात है,वहीं साइबर ठग इसी भरोसे का फायदा उठाकर लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। शहर के दो परिवारों के सदस्यों ने जब एपीके फाइल पर क्लिक किया तो उनके मोबाइल कुछ मिनटों तक फ्रीज हो गए। कुछ देर बाद फोन जब सामान्य हुआ, तब तक उनके बैंक खातों से बड़ी रकम निकल चुकी थी।एक युवक के खाते से करीब 2.40 लाख तो दूसरे के 1.60 लाख रुपये जालसाजों ने उड़ा दिए।दोनों ही पीड़ितों को देर रात जब बैंक से ट्रांजैक्शन अलर्ट मिला, तब उन्हें धोखाधड़ी का पता चला।
पुलिस को मिली शिकायतों के अनुसार जालसाज़ पहले व्हाट्सऐप पर किसी परिचित के नाम से प्रोफाइल बनाते हैं। फिर उसी पहचान का फायदा उठाते हुए शादी का डिजिटल निमंत्रण भेजते हैं।कार्ड के साथ एपीके फाइल जोड़कर कहा जाता है कि खुल नहीं रहा है तो इस ऐप को इंस्टॉल करें। जैसे ही कोई उस फाइल पर क्लिक करता है, फोन कुछ सेकंड हैंग हो जाता है। उसी समय मोबाइल में एक रिमोट एक्सेस ट्रोजन (आरएटी) इंस्टॉल हो जाता है, जिससे ठग संबंधित लोगों के फोन, ऐप्स और बैंकिंग जानकारी पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लेते हैं।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि व्हाट्सऐप पर आने वाली एपीके फाइलें सिर्फ एंड्रॉयड फोन पर इंस्टॉल होती हैं।ऐसी फाइलें ग्लिच का बहाना बनाकर ऐप इंस्टॉल करने के लिए उकसाती हैं।इस ऐप में छिपा मालवेयर फोन के डेटा,संपर्क, ओटीपी पढ़ने की क्षमता और बैंकिंग ऐप तक ठगों के पहुंच को रास्ता देता है।जालसाज़ इन्हीं ओटीपी और बैंकिंग पासवर्ड का इस्तेमाल कर मिनटों में रकम ट्रांसफर कर लेते हैं।कई मामलों में वे यूपीआई ऐप तक रिमोटली ऑन कर लेते हैं।
साइबर थाना प्रभारी के मुताबिक किसी भी अनजान एपीके फाइल को इंस्टॉल न करें।शादी कार्ड देखने के लिए किसी ऐप की जरूरत नहीं होती,इसलिए ऐसा कोई लिंक क्लिक न करें। उन्होंने बताया कि जालसाज़ अक्सर सोशल मीडिया प्रोफाइल से जानकारी लेकर परिचितों के नाम और फोटो लगाकर नकली व्हाट्सऐप आईडी बना लेते हैं। लोग भरोसे में आकर लिंक खोलते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं।
ठगी से ऐसे बचें।व्हाट्सऐप पर आई किसी भी एपीके फाइल को कभी इंस्टॉल न करें,शादी कार्ड या अन्य निमंत्रण इमेज या पीडीएफ होते हैं, ऐप की जरूरत नहीं होती,लिंक पर क्लिक न करें,खासकर जब भेजने वाला नंबर संदिग्ध लगे,फोन हैंग हो जाए या अजीब तरह से चलने लगे तो तुरंत बैंकिंग ऐप्स के पासवर्ड बदलें,किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत 1930 नंबर पर शिकायत करें।