गर्ल्स नॉट ब्राइडस द्वारा सेमिनार आयोजित 

गर्ल्स नॉट ब्राइडस द्वारा सेमिनार आयोजित 

16 Apr 2024 |  26

 

पूसू प्रतिनिधि,गिरिडीह।ग्लोबल एलायंस गर्ल्स नॉट ब्राइडस, लड़कियां नहीं दुल्हन से जुड़े सदस्यों द्वारा एसपीएस ट्रेनिंग सेंटर कृष्णानगर गिरिडीह में सोमवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया,जिसमें नगर समाज से जुड़े नागरिक संगठनों,हितधारकों के साथ-साथ दर्जनाधिक किशोर किशोरियों ने भाग लिया।सेमिनार का मुख्य विषय समाज से बाल विवाह नामक बीमारी को खत्म करने हेतु हितधारकों के बीच समन्वय स्थापित करना था। 

 

सेमिनार का उद्घाटन वरिष्ठ पत्रकार सह अधिवक्ता आलोक रंजन ने किया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को सम्मान पूर्वक जिंदगी जीने का हक़ देता है।हक के साथ हमारा कर्तव्य भी जुड़ा हुआ है,जैसे सभी नागरिकों को अधिकार प्राप्त है उसी प्रकार बच्चों को भी विशेष अधिकार मिले हैं।अगर बालिग होने के पूर्व किसी लड़का या लड़के की शादी हो जाती है तो उन्हें प्राप्त मौलिक अधिकार उनसे छीन जाते हैं। किसी भी लोकतान्त्रिक देश जिसका अपना संविधान है। उस देश में अगर किसी बच्चे की शादी हो जाती है तो यह हमारे देश और हमारे समाज के लिए अत्यंत शर्मनाक घटना होती है। इस कुप्रथा को रोकना जरुरी है। यह जागरूकता, शिक्षा और समझदारी से रोका जा सकता है।

 

लड़कियां नहीं दुल्हन अभियान के वरिष्ठ ग्लोबल सदस्य बाल अधिकार कार्यकर्ता सुरेश शक्ति ने कहा कि गर्ल्स नॉट ब्राइडस एक ग्लोबल अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क है। इस नेटवर्क से जुड़े तमाम सदस्य, जिसमें कि गिरिडीह में भी कुछ सदस्य हैं, जिनका मक़सद है भारत ही नहीं सम्पूर्ण दुनिया से ख़ासकर बांग्लादेश,नेपाल,श्रीलंका सहित कई एशियाई और अफ़्रीकी देशों से बाल विवाह की चलन खत्म हो। यह सिर्फ कानून बना देने मात्र से खत्म नहीं होगा अपितु  बच्चों को बाल विवाह का शिकार होने से बचाना होगा।

 

सामाजिक परिवर्तन संस्थान के सचिव उमेश कुमार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 तथा झारखंड बाल प्रतिषेध नियमावली 2015 का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई बाल विवाह का अनुष्ठान करता या करवाता है तो बच्चों को छोड़ वो सभी लोग सजा के भागीदार हैं जो जाने अनजाने भी इस अपराधिक कृत्य में भागीदार हैं। अगर कहीं बाल विवाह की जानकारी मिले तो चाइल्ड हेल्फ लाइन 1098 पर सूचना दें। सूचना दाता की जानकारी गुप्त रखी जाती है। 

 

बाल अधिकार कार्यकर्ता सरोजीत कुमार ने बच्चों के क्या-क्या अधिकार हैं, उस पर अपना विचार रखते हुए कहा कि जो भी कार्यकर्ता या जिनका रिश्ता बच्चों से हैं, उनको बाल अधिकार के बारे में जानना जरूरी है। बाल अधिकार को जानेंगे तभी बच्चों को बाल विवाह, बाल यौन शोषण, बाल तस्करी से बचा सकते हैं। 

 

सेमिनार में आइड़िया संस्था से ख़ुशी शर्मा, एसपीएस से शशिकांत, रौनी अभिव्यक्ति फाउंडेशन से विलियम जैकब,बनवासी आश्रम से चांदनी मरांडी,मुकेश कुमार,रूपा कुमारी जागो फाउंडेशन से गेंदों प्रसाद,मनोज टुडू,छात्रा संजू कुमारी,नुनी कुमारी,शिखा शर्मा,सोनू कुमार इत्यादि ने भाग लिया।

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