लावालौंग-पांकी सड़क पर चलना हुआ दुश्वार गढ्ढों और कीचड़ में तब्दील,ग्रामीण हो रहे हलकान,20 वर्षों से लगातार मांग के बाद भी नहीं मिली पक्की सड़क
                    
                    
                        लावालौंग-पांकी सड़क पर चलना हुआ दुश्वार गढ्ढों और कीचड़ में तब्दील,ग्रामीण हो रहे हलकान,20 वर्षों से लगातार मांग के बाद भी नहीं मिली पक्की सड़क
                    
                    
                        
                            04 Nov 2025 |  19
                        
                        
                        
                        
                        
                    
                    
                        
                     
                    
                         
पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,लावालौंग,चतरा। प्रखंड मुख्यालय से रिमी होते हुए पांकी को जोड़ने वाली 35 किलो लंबी सड़क चक्रवातीय वर्षा के कारण पूरी तरह गढ्ढे और कीचड़ में तब्दील हो चुकी है।यहां की जनता के द्वारा लगातार दो दशकों से सड़क निर्माण की मांग हो रही है,लेकिन आज तक केवल सांसद-विधायकों से आश्वासन ही मिला है। 
यह मार्ग चतरा को पलामू से कम दूरी में जोड़ता है,जिससे करीब 20 से 30 हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं।बाइक सवार आए दिन गढ्ढों में गिरकर घायल हो रहे हैं और स्कूली बच्चों और दैनिक यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र में आने के कारण बार-बार टेंडर होने के बावजूद एनओसी नहीं मिलने से अब तक सड़क नहीं बन पाई। हाल ही में वन विभाग ने गढ्ढों में मिट्टी भरवाई, जिससे हालात और खराब हो गए हैं। हटरू, मंधनियां, रिमी, रामपुर, होशिर समेत दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग इस बदहाल सड़क के चलते मुख्यालय नहीं पहुंच पा रहे।वाहन चालक गांवों तक जाने से कतराते हैं। 
आफताब आलम ने बताया कि सड़क इतनी खराब और कीचड़ में तब्दील हो चुकी है।इस सड़क पर पैदल चलना  मुश्किल ही नहीं बल्कि राहगीरों के लिए चुनौती भी है। आफताब ने कहा कि यहां देखने वाला कोई नहीं है, लोग नारकीय स्थिति में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने सांसद-विधायक और राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से रोड बनाने की मांग किया है।