मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के चिकित्सकों ने झारखंड कैंसर सेंटर रांची में की जटिल लिंब सेविंग सर्जरी,मरीज को मिली परेशानी से राहत

मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के चिकित्सकों ने झारखंड कैंसर सेंटर रांची में की जटिल लिंब सेविंग सर्जरी,मरीज को मिली परेशानी से राहत

04 Nov 2025 |  16

मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के चिकित्सकों ने झारखंड कैंसर सेंटर रांची में की जटिल लिंब सेविंग सर्जरी,मरीज को मिली परेशानी से राहत



हड्डियों-जोड़ों के दर्द व सूजन को हल्के में न लें:डॉ.विवेक वर्मा 



पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,रांची। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली (गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर) के चिकित्सकों ने झारखंड के 31 वर्षीय मरीज की एक अत्यंत जटिल लिंब सेविंग सर्जरी सफलतापूर्वक की। 



इस संबंध में झारखंड कैंसर सेंटर में सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में डाॅक्टर विवेक शर्मा ने बताया कि मरीज कुणाल खन्ना रीकरेंट सिनोवियल कॉन्ड्रोमैटोसिस नामक एक दुर्लभ और प्रगतिशील बेनाइन ट्यूमर से पीड़ित थे,जो घुटने के जोड़ को प्रभावित करता है। इस बीमारी के कारण उनके पैर में जकड़न,चलने-फिरने में कठिनाई और लगातार दर्द हो रहा था। डॉ.वर्मा ने झारखंड कैंसर सेंटर के साथ मिलकर ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी एवं जॉइंट रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की एक्सक्लूसिव ओपीडी सर्विसेज शुरू करने की घोषणा की।



डॉ. विवेक वर्मा ने कहा कि हड्डियों-जोड़ों के दर्द व सूजन को हल्के में न लें। तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करें। डॉ.वर्मा हर महीने के पहले गुरुवार को दोपहर एक बजे से तीन बजे तक झारखंड कैंसर सेंटर रांची में परामर्श और फॉलो अप के लिए उपलब्ध रहेंगे।



 डॉ. विवेक वर्मा ने कहा कि मरीज कुणाल के पैर की हड्डियां असंतुलित हो गई थीं, जिससे उन्हें चलने में काफी परेशानी और दर्द हो रहा था। उन्होंने हमारी रांची ओपीडी में परामर्श लिया, जहां उन्हें मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में रिकंस्ट्रक्टिव ऑर्थोपेडिक सर्जरी की सलाह दी गई। लगभग चार घंटे चली एडवांस्ड लिंब स्पैरिंग रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के बाद अब वे आराम से चल पा रहे हैं।



डाॅ. विवेक वर्मा ने बताया कि सर्जरी के बाद मरीज को ऑर्थो रिहेबिलिटेशन यूनिट में गहन फिजियोथेरेपी दी गई। कुछ ही दिनों में श्री खन्ना ने पूरे वजन के साथ स्वतंत्र रूप से चलना शुरू कर दिया। वर्षों की असमर्थता के बाद उन्होंने अपनी गतिशीलता और आत्मविश्वास दोबारा हासिल किया।



डॉ. विवेक वर्मा ने बताया कि ऐसी एडवांस्ड लिंब स्पैरिंग रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरीज़ ने बोन और सॉफ्ट टिशू ट्यूमर्स के परिणामों को एक नई दिशा दी है। ऑन्कोलॉजी प्रिंसिपल्स को मॉडर्न रिकस्ट्रक्टिव टेक्निक्स के साथ जोड़कर हम अब मरीज के अंग को सुरक्षित रखते हुए उसकी कार्यक्षमता बहाल कर सकते हैं,जिससे कई मामलों में एम्प्यूटेशन (अंग काटने) की आवश्यकता नहीं पड़ती।



डॉ. विवेक वर्मा ने कहा कि यह अस्पताल ऑर्थोपेडिक ऑन्कोलॉजी और रिकंस्ट्रक्टिव केयर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे मरीजों को एक नई उम्मीद और सामान्य, सक्रिय जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। 



प्रेसवार्ता में डाॅ.कुमार सौरभ सहित मरीज व उनके परिजन भी मौजूद थे।


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