मुन्नी देवी की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक कहानी

मुन्नी देवी की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक कहानी

09 Jul 2025 |  18

 

पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,रामगढ़।झारखंड के रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के हुप्पू पंचायत स्थित तोयर गांव की रहने वाली मुन्नी देवी एक साधारण आदिवासी महिला हैं।मुन्नी देवी का जीवन कभी गरीबी,सामाजिक अपमान और अस्थिर आय के बीच उलझा हुआ था,लेकिन आज मुन्नी देवी गांव में प्रेरणा की मिसाल बन चुकी हैं। एक ऐसी महिला,जिन्होंने अपनी परिस्थितियों को हराकर न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाई।

 

संघर्ष भरा प्रारंभ,एक मजबूरी से भरा जीवन

 

मुन्नी देवी का पारिवारिक जीवन अत्यंत संघर्षपूर्ण था।मुन्नी देवी के परिवार में उनके पति मंशु करमाली और चार बच्चे है,जिसमे दो बेटे और दो बेटियां है।मुन्नी देवी के पति का रोजगार अनियमित था और आमदनी भी बहुत कम थी।ऐसे में पूरे परिवार का खर्च उठाना मुश्किल हो गया था। बच्चों की पढ़ाई,भोजन,कपड़े,स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों को पूरा करना एक चुनौती से कम नहीं था। आर्थिक तंगी से परेशान होकर मुन्नी देवी ने घर की आमदनी बढ़ाने के लिए महुआ शराब/हड़िया बनाना और बेचना शुरू किया।यह काम सामाजिक रूप से निंदनीय था,लेकिन मजबूरी में उन्हें यही रास्ता अपनाना पड़ा।हालांकि यह काम मुन्नी देवी को थोड़ी-बहुत आय दिलाता था,लेकिन इससे समाज में उनका मान-सम्मान गिरता जा रहा था।समाज की नजरों में मुन्नी देवी शराब बेचने वाली महिला के रूप में जानी जाती थीं। इस काम से स्वास्थ्य को भी खतरा था और परिवार के माहौल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।

 

बदलाव की शुरुआत,एक छोटे से कदम ने लाई बड़ी क्रांति

 

समाज में बदलते हालात और आत्मसम्मान की तलाश में मुन्नी देवी ने एक दिन यह तय किया कि अब कुछ बदलना होगा। मुन्नी देवी ने स्वयं को बेहतर बनाने और अपने परिवार को एक नई दिशा देने का निश्चय किया।वह समय था जब मुन्नी देवी 2016 में गांव की महिलाओं से स्वयं सहायता समूह के बारे में जानकारी मिली। पहले मुन्नी देवी ने संकोच किया,लेकिन फिर साहस जुटाकर 28-04-2016 को सरस्वती महिला मंडल नामक समूह में जुड़ीं।उसी पल से मुन्नी देवी के जीवन में बदलाव की असली शुरुआत हुई। इसके बाद मुन्नी देवी तोयर आजीविका महिला ग्राम संगठन से भी जुड़ गईं।

 

समूह से मिली नई पहचान और आत्मविश्वास

 

समूह से जुड़ने के बाद नियमित रूप से समूह के दस बैठक में भाग लेने से मुन्नी देवी का आत्मविश्वास बढ़ा।पहले जो महिला केवल घरेलू कामों और शराब बेचने तक सीमित थी अब वह नियमित बैठकों में भाग लेने लगीं,बचत करने लगी और समूह की अन्य महिलाओं से विचार-विमर्श करने लगी। समूह के माध्यम से मुन्नी देवी को सरकार की योजना फुलो झानो आशीर्वाद अभियान के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। यह झारखंड सरकार की एक प्रमुख योजना है,जिसका उद्देश्य महिलाओं को अवैध रूप से महुआ शराब/हंड़िया बेचने जैसे अपमानजनक कार्यों से बाहर निकाल कर उन्हें सम्मानजनक जीवन और आजीविका के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को व्याजमुक्त ऋण दिया जाता है, ताकि वे एक सम्मानजनक आजीविका से सम्बंधित कार्य प्रारंभ कर सके।

 

नई राह की शुरुआत,ब्याजमुक्त ऋण से पशुपालन की ओर

 

मुन्नी देवी ने PJAA योजना के तहत 20,000 रुपए का व्याजमुक्त ऋण प्राप्त किया। प्राप्त व्याजमुक्त ऋण की राशी और कुछ स्वयं के बचत राशि से मुन्नी देवी ने दो गाय खरीदी और पशुपालन का काम शुरू किया। महुआ शराब के व्यापार को पूरी तरह छोड़कर मुन्नी देवी ने अब दूध उत्पादन में अपना भविष्य देखा।

 

गायों की देखभाल,चारा व्यवस्था,साफ-सफाई,दूध निकालना और बाजार तक पहुंचाना यह सब मुन्नी देवी लिए नया था,लेकिन हार नहीं मानी। समूह की अन्य महिलाओं और आजीविका संगठन के सहयोग से उन्होंने धीरे-धीरे सब कुछ सीख लिया।पशुपालन और दूध मुन्नी देवी को अब प्रति माह 8 से 10 हजार रुपये की आय होने लगी है। इस आमदनी से उन्होंने समय पर ऋण की किश्तें चुकाई और बचत भी शुरू की।सबसे बड़ी बात यह है मुन्नी देवी के पारिवारिक जीवन में सुधार हुआ और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दी। मुन्नी देवी का एक बेटा प्राइवेट जॉब करने लगा और घर में एक तीन पहिया ऑटो भी खरीदी है,जो उनके पति चलाते है,जिससे माह में 7 से 8 रुपए आय प्राप्त होता है।अब मुन्नी देवी की लगभग 1,50,000 रुपए वार्षिक आय हो रही है। मुन्नी देवी ने अपनी दोनो बेटियों की शादी भी कर ली और अब घर में शांति और संतुलन आ गया। समाज में मुन्नी देवी को अब सम्मान की नजरों से देखा जाने लगा।पहले जो लोग उन्हें हंसी का पात्र बनाते थे अब वे मुन्नी देवी से प्रेरणा लेने लगे हैं। मुन्नी देवी के आत्म-सम्मान में वृद्धि हुई और उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को भी यही राह अपनाने के लिए प्रेरित किया।

 

सामाजिक प्रभाव और प्रेरणा स्रोत

 

आज मुन्नी देवी न केवल अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं, बल्कि वह अपने गांव की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी हैं। मुन्नी देवी नियमित रूप से गांव की महिलाओं को PJAA से जुड़ने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्हें यह समझाने में सफल रही कि अवैध और अपमानजनक कार्यों को छोड़कर भी एक सम्मानजनक जीवन जिया जा सकता है।समूह की बैठकें,प्रशिक्षण कार्यक्रम और सरकार की योजनाओं में मुन्नी देवी सक्रिय भाग लेती हैं। अब गांव की महिलाएं भी मुन्नी देवी की तरह स्वरोजगार और पशुपालन की ओर आकर्षित हो रही हैं।

 

मुन्नी देवी का संदेश

 

आत्मविश्वास से बदलाव की दिशा में उठाया गया कदम हमें यह सिखाता है कि हर परिस्थिति में परिवर्तन संभव है।जरूरत है तो बस एक सही दिशा,सहयोग और आत्मविश्वास की,तो जिंदगी जरूर बदलती है। आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता सबसे बड़ा धन है।

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