325 वर्षों की परंपरा आज भी कायम,उल्टा रथ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
325 वर्षों की परंपरा आज भी कायम,उल्टा रथ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
06 Jul 2025 | 17
पूर्वांचल सूर्य संवाददाता, पाकुड़। आषाढ़ शुक्ल पक्ष दशमी को मनाया जाने वाला उल्टा रथ शनिवार को पारंपरिक उत्साह और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। राजबाड़ी स्थित ऐतिहासिक मंदिर से मदन मोहन और राधा रानी की पूजा-अर्चना के बाद रथ यात्रा निकाली गई। यह वही पावन दिन होता है जब ठाकुर जी अपनी मौसी घर से लौटते हैं।
राजपरिवार द्वारा लगभग 325 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा में हर साल हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। बंगाल, बिहार और झारखंड के कोने-कोने से भक्त पाकुड़ पहुंचते हैं और पूजा कर रथ खींचने का पुण्य लाभ लेते हैं। रथ यात्रा के साथ-साथ भव्य मेला भी लगा हुआ है, जिसमें श्रद्धा और संस्कृति दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।मंदिर परिसर और मेला स्थल पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
राजबाड़ी के पुजारी ने बताया कि यह परंपरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। राजपरिवार इस अनूठे उत्सव को पीढ़ियों से निभा रहा है।