अभी भी कुआं का पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण

अभी भी कुआं का पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण

18 Jun 2025 |  15

 

 पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि, लातेहार। आजादी से लेकर अब तक कितनी सरकारें आईं और गईं।सभी ने विकास के नाम पर वोट लिए और विकास के बड़े-बड़े दावे भी किए,लेकिन यह दावे कितने हद तक सच हुए हैं, यह बात क्षेत्र के भुक्तभोगी लोग ही जानती है।कुछ ऐसा ही हाल उपेक्षा का दंश झेल रहा मनिका प्रखंड क्षेत्र के बड़कडीह पंचायत अंतर्गत शिवचरण टोला में इन दिनों भीषण गर्मी में पानी की किल्लत ने दर्जनों परिवारों को कुआं का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर कर दिया है। 

 

पानी के लिए लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।लोग कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर है। इसलिए घरों में छोटे बच्चों में जल जनित रोगों का तेजी से फैलाव होने की आशंका बनी हुई है।गांव में चंपानल नहीं होने के चलते ग्रामीणों को भीषण गर्मी में पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। लोग कई किलोमीटर दूरी तय कर पानी लेने जाते हैं।कुआं में स्वच्छ पानी के अभाव के बाद भी लोगों को जल जनित बिमारियों से जूझना पड़ रहा है।

 

 दरअसल प्रखंड के शिवचरण टोला ऐसे हैं, जहां के ग्रामीण न केवल मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, बल्कि पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। यहां करीब दर्जनों परिवार परेशान है। यहां के ग्रामीण बीते कई सालों से कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर है। इससे न केवल बीमार होने की आशंका बनी रहती है। बल्कि लोगों को पीने के पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इसके बावजूद अभी तक प्रशासन इन गांवों में कोई व्यवस्था नहीं बना सकी है। खेत में बने कुआं में ही आश्रित रहना पड़ता है। इसी से सभी लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं। साथ ही कुएं के गंदे पानी का उपयोग खाना बनाने में भी करते हैं। फिर पानी को बर्तन में उबाल कर पीते हैं।ग्रामीणों ने मुखिया धनलाल उरांव को भी इसके बारे में अवगत कराया गया है,लेकिन अभी तक वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं बनाई जा सकी है। इससे भीषण गर्मी में पेयजल की समस्या विकराल बनी हुई है।

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