पूर्वांचल सूर्य प्रतिनिधि,गिरिडीह।बाल अधिकारों और सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध जन-जागरूकता के उद्देश्य से करुणामय बाल मित्र ग्राम कारवां का शुभारंभ शनिवार को जिला समाहरणालय परिसर से किया गया।बाल अधिकारों के लिए कार्यरत संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के द्वारा इस जागरूकता अभियान को चलाया जा रहा है। महाराष्ट्र से चलकर अब झारखंड और यहां के बाद राजस्थान में जागरूकता संदेश फैलाने का कार्य करुणामय बाल मित्र ग्राम कारवां के तहत किया जा रहा है।
करुणामय बाल मित्र ग्राम कारवां को उपायुक्त रामनिवास यादव,पुलिस अधीक्षक डॉक्टर विमल कुमार,उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी,समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेहा कश्यप और अन्य पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया,जो अगले एक माह तक देवरी, तिसरी और गांवा प्रखंड के 60 से अधिक गांवों में भ्रमण कर बाल मजदूरी,बाल विवाह,बाल दुर्व्यापार,नशा,घरेलू हिंसा और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जनजागरूकता फैलाएगा।शुभारंभ समारोह के दौरान नाटकशाला की टीम ने नाटक का मंचन भी किया।
बता दें कि नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित गौरव कैलाश सत्यार्थी नेतृत्व में करुणामय समाज निर्माण के लिए अभियान चलाया जा रहा है।यह करुणामय बाल मित्र ग्राम कारवां गिरिडीह जिला पहुंचा है,जहां यह तिसरी,देवरी और गांवा प्रखंड में कुल 30 दिनों में 60 से अधिक अति सुदूरवर्ती गावों में भी जागरूकता फैलाने का कार्य करेगा,यह कारवां भ्रमण कर जागरूकता के माध्यम से बच्चों,महिलाओं,पंचायत प्रतिनिधियों,युवा मंडलों और महिला मंडलों के सहयोग से सामुदायिक भागीदारी को सशक्त बनाएगा। यह अभियान गांव-गांव जाकर बाल अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन के प्रति चेतना जागृत करेगा,समुदायों को सशक्त बनाएगा और हर बच्चे के सुरक्षित,शिक्षित और उज्ज्वल भविष्य के संकल्प को मजबूत करेगा।इस अभियान के दौरान नुक्कड़ नाटक, बाल चौपाल,जन संवाद,दीवार लेखन,स्कूल और ग्रामसभा स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। बाल पंचायतों की सक्रिय भूमिका इस पहल में महत्वपूर्ण रहेगी जो गांवों में बच्चों की आवाज बनकर बदलाव की बयार लाएंगे।
इस अवसर पर उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन तभी संभव है जब बच्चे स्वयं अपनी समस्याओं को पहचानें, बोलें और समाधान की दिशा में पहल करें। उपायुक्त ने कहा कि बाल मित्र ग्राम कारवां इसी सोच को धरातल पर उतारने का एक सशक्त माध्यम है।कारवां का यह प्रयास न केवल बाल अधिकारों को बढ़ावा देगा, बल्कि समुदायों को भी बच्चों की भलाई के लिए एकजुट करने का कार्य करेगा।
उपायुक्त रामनिवास यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में यह अभियान गिरिडीह जिले के दूरदराज़ के गांवों तक पहुंचकर नई चेतना का संचार करेगा।कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन का यह प्रयास सराहनीय है,क्योंकि बदलाव के लिए जागरूकता कार्यक्रमों का अहम योगदान होता है,खासकर नुक्कड़ नाटक लोगों के बीच संदेश देने का महत्वपूर्ण माध्यम होता है।यह कारवां 1 महीने तक जागरूकता कार्यक्रम हमारे जिले के 3 प्रखंडों में चलाएगी।
इस दौरान उपायुक्त रामनिवास यादव,पुलिस अधीक्षक डॉक्टर विमल कुमार,उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी,परिवहन पदाधिकारी शैलेश प्रियदर्शी,समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप,बाल संरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार, बाल कल्याण समिति सचिव पूजा सिन्हा,कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन से सुरेंद्र पंडित,संदीप नयन,उदय राय,राजू सिंह और नाटकशाला की टीम और अन्य प्रतिभागी शामिल रहे।