बिहार चुनाव में खपाने के लिए जा रही थी 75 लाख की अंग्रेजी शराब,लखनऊ में एसटीएफ ने पकड़ा

बिहार चुनाव में खपाने के लिए जा रही थी 75 लाख की अंग्रेजी शराब,लखनऊ में एसटीएफ ने पकड़ा

02 Nov 2025 |  38

 



लखनऊ।बिहार चुनाव में खपाने के लिए जा रही 75 लाख की शराब के साथ यूपी एसटीएफ ने शनिवार को एक तस्कर को दबोच लिया।तस्कर कंटेनर में 575 शराब की पेटियां लादकर बिहार जा रहा था। एसटीएफ ने तस्कर को पीजीआई थाना क्षेत्र के किसानपथ से गिरफ्तार किया है। तस्कर कंटेनर में खाद की बोरियों के नीचे शराब छुपाकर ले जा रहा था।गिरफ्तार तस्कर की पहचान हरियाणा निवासी विश्ववेन्द्र के रूप में हुई है।



यूपी एसटीएफ को पिछले कई दिनों से जानकारी मिल रही थी कि हरियाणा और पंजाब से अवैध अंग्रेजी शराब की खेप बिहार में भेजी जा रही है।इनपुट के आधार पर यूपी एसटीएफ मुख्यालय से विभिन्न इकाइयों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में पुलिस उपाधीक्षक विमल कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में निरीक्षक महाबीर सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई थी। टीम लगातार लखनऊ में सक्रिय होकर जानकारी इकट्ठा कर रही थी।



भ्रमण के दौरान एसटीएफ को एक विश्वसनीय सूत्र से सूचना मिली कि एक कंटेनर ट्रक में यूरिया की बोरियां भरी हैं, उसके बीच भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब छिपाई गई है।यह कंटेनर किसान पथ होते हुए बिहार जाने वाला था।सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम ने स्थानीय पुलिस को साथ लेकर मौके पर घेराबंदी की और ओमेक्स कट, कल्ली पश्चिम क्षेत्र से कंटेंनर को रोक लिया। तलाशी में पुलिस को कंटेनर की गुप्त कैबिन में छिपाई गई 575 पेटी अंग्रेजी शराब मिली।



गिरफ्तार तस्कर विश्ववेन्द्र ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। तस्कर ने बताया कि यह पूरा नेटवर्क एक संगठित गिरोह द्वारा संचालित किया जा रहा है,इसमें सोनू राठी,गुरनीत सिंह गोगिया और अतुल जैसे लोग शामिल हैं। यह गिरोह हरियाणा और पंजाब से भारी मात्रा में शराब लेकर बिहार सप्लाई करता है। कंटेनर में गुप्त रूप से एक कैविटी (छिपा हुआ हिस्सा) बनाई गई थी, जिसके एक हिस्से में 210 बोरी यूरिया खाद और दूसरे हिस्से में चंडीगढ़ से लोड की गई अंग्रेजी शराब रखी गई थी। शराब को दरभंगा (बिहार) तक पहुंचाना था, जहां गिरोह के अन्य सदस्य इसे आगे सप्लाई करते।इस मामले में एसटीएफ आरोपी तस्कर के खिलाफ पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज कराकर पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया।



विश्ववेन्द्र ने यह भी बताया कि उसे इस काम के लिए हर ट्रिप पर 1 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है। साथ ही उसने यह भी स्वीकार किया कि यह शराब बिहार में चल रहे चुनाव में खपत के लिए भेजी जा रही थी।



 



एक खेप पहुंचाने पर मिलता है एक लाख रुपया

चालक ने पूछताछ में बताया कि गिरोह के सरगना व अन्य लोग उसे एक खेप शराब की कन्टेनर से बिहार पहुंचाने पर उसे एक लाख रुपया मिलता है। वह सिर्फ लाने और ले जाने का काम करता है। डिप्टी एसपी के मुताबिक गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाकर टीमें उनकी तलाश में दबिश दे रही हैं।


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