महागठबंधन के बलात्कारी बाहुबली विधायक को बचा रही नीतीश सरकार
फोरेंसिक जांच की प्रक्रिया में जबरदस्त गड़बड़झाला
23 Jun 2016 | 827
पटना। ऐसा लगता है कि महागठबंधन के नाव पर सवारी करते हुए सूबे के मुखिया कथित सुशासन बाबू अपने सुशासनी जुमलों को भूल चुके हैं. गरीबों को न्याय दिलाने के बड़े-बड़े वादे पूर्वर्ती लालू सरकार के शासन मन्त्रों में समाहित हो चूका है. तभी तो राजद से निलंबित विधायक राज बल्लभ यादव नाबालिग से बलात्कार केस में जेल होने के बावजूद जांच को अपने हिसाब से एक नया रूप देने में सफल होते दिख रहे है. और निसन्देह यह सब बिना हाईकमान के सहयोग से नहीं हो सकता है.
फोरेंसिक जांच के बाद जो रिपोर्ट आई है उसे देख कर ऐसा लगता है कि सत्ताधारी पार्टी के एमएलए होने का फायदा उन्हे मिल रहा है।पुलिस ने आरोपी राजबल्लभ पर आरोप साबित करने के लिए फोरेंसिक साइंस लौबोरेटरी को छह कपड़े जांच के लिए भेजे थे। जिसमें पीड़िता के कपड़े और विधायक के घर से लिए गए बिछावन, तकिया और चादर को शामिल किया गय़ा था। लेकिन फोरेंसिक टीम ने जो रिपोर्ट दी है वो भी कम चौकाने वाली नहीं है। अपनी रिपोर्ट मर उसमें लिखा है कि इन कपड़ो में स्पर्म के निशान नहीं मिले हैं। लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि उन सभी कपडों से डिटर्जेंट की महक आ रही है। मतलब साफ है, जांच से पहले सबूत मिटाने के लिए सभी कचड़ों को अच्छी तरह से धोया गया है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर जब पुलिस ने कपड़ों को अपने कब्जे में लेकर सील कर दिया था। तो फिर उसे कौन धो सकता है। अब सवाल उठता है मान लिया जाए की पुलिस के पहुंचने से पहले विधायक ने अपने घर के कपड़े धुलवा दिए थे पर क्या पीड़िता के कपड़ो को भी धुलवा दिए थे ? आखिर उसके कपड़ो से डिटर्जेंट की महक कैसे आ रही है।
इस मामले में फोरेंसिक टीम की फजिहत एक बार पहले भी हो चुकी है। टीम जब विधायक के घर पर सबूत जुटाने के लिए पुलिस पार्टी के साथ पहुंची थी। तब विधायक के समर्थकों ने उनहे खडेड़ दिया था। जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे थे।
ध्यान रहे कि राज्बल्ल्भ वही बाहुबली आरजेडी विधायक हैं जिन्होंने बिहारशरीफ स्थित अपने आवास में छह फरवरी को नाबालिग लड़की के साथ पोर्न फ़िल्म दिखाकर बालात्कार किया था. मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से करीब एक माह तक तो इनकी गिरफ्तारी ही नहीं हो सकी बाद में उन्होंने राज्य के अनेक स्थानों में फैली संपत्ति की लगातार होती कुर्की और अदलात द्वारा जमानत की हर सम्भावना ख़त्म होने के बाद बिहार शरीफ कोर्ट में 10 मार्च को समर्पण कर दिया था। अदालत में दाखिल आरोप-पत्र में आरजेडी विधायक को लड़कियां उपलब्ध कराने वाली महिला सुलेखा देवी और उसके परिजनों का भी नाम शामिल हैं। वही सरकार इस मामले में स्पीडी ट्रायल की बात कह चुकी है लेकिन जो रवैया पुलिस का है वो कुछ और ही कहानी कहता प्रतीत हो रहा है।