वाड्रा-डीएलएफ डील पर मोदी ने बोला तीखा हमला

07 Oct 2014 |  650

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन सौदे को लेकर हरियाणा सरकार पर तीखा हमला बोला। हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने जमीन सौदे को हरी झंडी देने के फैसले को मुद्दा बनाते हुए कहा कि इससे साफ है कि कांग्रेस ने हार मान ली है। उसे पता है कि सत्ता में उसकी वापसी नहीं होगी, इसलिए ऐसा फैसला किया। उधर, मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि अगर आरोप सही साबित हुए तो वे राजनीति छोड़ देंगे। हरियाणा विधान सभा चुनाव में प्रचार की गर्मी बढ़ती जा रही है। लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में भी सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदे को मुद्दा बनाय़ा है। दरअसल, 17 जुलाई 2014 को हरियाणा के मुख्यसचिव को लिखी गई चिट्ठी में डी सी चंद्रशेखर विद्यार्थी ने ना सिर्फ वाड्रा-डीएलएफ़ ज़मीन सौदे को कानून के मुताबिक बताया था, बल्कि तात्कालिक चकबंदी महानिदेशक अशोक खेमका के उस आदेश को भी गलत करार दिया था जिसमें सौदे को गैरकानूनी बता कर रद्द किया गया था। इस मामले को बड़ा मुद्दा बनाते हुए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैली में हरियाणा सरकार पर तीखा हमला बोला। मोदी ने कहा कि कल उनकी सरकार ने आचार संहिता होने के बावजूद फैसला किया है। दामाद को जमीन देने के काम को फाइनल किया है। उनको मालूम है कि चुनाव के बाद कुछ नहीं हो पाएगा। उपर से डंडा चला है कि जाते जाते ये काम करते जाओ। चुनाव आयोग इस बात पर ध्यान देगा कि क्या ये आचार संहिता का उल्लंघन है। उम्मीद है कि भारत का चुनाव आयोग गंभीरता से विचार करेगा। 2012 में सौदा रद्द करने के खेमका के आदेश के बाद हरियाणा सरकार ने एक कमेटी बनाकर खेमका का तबादला दूसरे विभाग में कर दिया था। बाद में कमेटी ने मामला ही पलट दिया था। लेकिन वाड्रा सौदे को कानूनी वैधता इसी साल गुड़गांव के डीसी ने दी थी। ऐसे में कांग्रेस आचार संहिता को लेकर मोदी के दावे पर सवाल उठा रही है। खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दावा किया है कि अगर आरोप सही साबित हुआ तो वे इस्तीफा दे देंगे। जाहिर है, हरियाणा में माहौल गरमा गया है। बीजेपी मोदी के सहारे हरियाणा में नंबर वन की लड़ाई में दिखना चाहती है। वरना अब तक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आईएनएलडी के बीच ही मुख्य लड़ाई होती थी। बेशक हुडा लाख सफाई दें कि उनके कार्यकाल में कोई जमीन घोटाला नहीं हुआ है। लेकिन इन चुनावों में विपक्ष ने जमीन घोटालों को एक बड़ा मुद्दा बना दिया है और खासतौर से वाड्रा जमीन सौदा कांग्रेस के लिए इन चुनावों में बड़ी सिरदर्द साबित हो सकता है।