संथाल समाज की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित,ओलचिकी लिपि को कोर्स के प्रत्येक विषय में मान्यता देने की मांग

संथाल समाज की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित,ओलचिकी लिपि को कोर्स के प्रत्येक विषय में मान्यता देने की मांग

01 Jun 2023 |  48

 

 वरीय संवाददाता,रांची।आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था संथाल समाज के तत्वावधान में गुरुवार को हरमू स्थित वीर बुधु भगत समुदायिक भवन में  सरकार द्वारा ओलचिकी लिपि को प्राथमिकी स्तर पर कोर्स के प्रत्येक विषय में मान्यता देने को लेकर राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।बैठक से पूर्व शहीद सिद्धू- कानू , शहीद तिलका-मांझी एवं ओलचिकी भाषा के जनक स्वर्गीय रघुनाथ मुरमू के चित्र पर पुष्पांजलि करके किया।

 

बैठक की अध्यक्षता करते हुए देश परगना के बैजू मुर्मू ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के मूल्य को स्थापित करना राज्य सरकार का परम दायित्व है। राज्य का गठन भाषा और संस्कृति के आधार पर अर्थात माय माटी के मूल्यों के आधार पर हुआ है।अगर झारखंड में अपने राज्य में ओलचिकी लिपि की उपेक्षा होगी तो यह दुर्भाग्य है। भाषा हमारी आत्मा है और हम अपना आत्मा को कभी मरने नहीं देंगे।भाषा ही हमारी पहचान है, भाषा ही हमारा इतिहास है।ओलचिकी भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन करने की दिशा में सरकार ठोस पहल करें पाठ्यक्रमों में उचित स्थान दें। 

 

मौके पर 18 पुडसी माझी के बिंदी सोरेन ने कहा कि हमारे लोगों ने भाषा और संस्कृति के सवाल को लेकर झारखंड अलग राज्य की लड़ाई लड़ी और राज्य भी बना,लेकिन हम ओलचिकी भाषा संथाल समाज उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई मात्री भाषा में प्राइमरी स्तर से शुरू हो।भाषा के सवाल को लेकर हम अपनी उपेक्षा कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे। एक और आंदोलन की जरूरत होगी तो हम इसके लिए तैयार हैं। 

 

झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंडी भाषाओं का संरक्षण व संवर्धन झारखंड के अस्तित्व की रक्षा है। भाषा है तो हम झारखंडी समाज है, हमारी पहचान है,हमारे इतिहास है हमारा अस्तित्व है,हमारा मान सम्मान है। मोर्चा प्रत्येक भाषा के आंदोलन के संघर्ष के साथ है। 

 

झारखंड आंदोलनकारी रंजीत उरांव ने कहा कि ओल चिकी भाषा को निश्चित तौर पर संरक्षण मिलना चाहिए। झारखंडी भाषाओं के विकास में झारखंड का विकास संभव है। 

 

मौके पर प्रो श्याम मुर्मू ,दुर्गा चरण मुर्मू, सोरेन सुरेंद्र टुडू ,रजनीकांत मार्डी, सर्जन हसदा, रमेश हंसदा, सुकुमार सोरेन, सेन बसु हंसदा,दुमका मुर्मू, किसुन मुर्मू, दुलाल हंसदा, सुरई सोरेन, महाबीर मरांडी, राजेश टुडू, मानकी टुडू, सगेन हंसदा, भोला नाथ टुडू, चुमु राम बेसरा सहित अन्य उपस्थित थे।

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