मुलायम परिवार में बाप-बेटे की जीत, तो क्या चाचा शिवपाल कहेंगें टाटा?

भाई रामगोपाल के कार्यक्रम में मुलायम से कटे-कटे रहे शिवपाल

29 Jun 2016 |  362

लखनऊ : लखनऊ में रामगोपाल यादव के जन्मदिन के मौके पर किताब विमोचन का मौका था और इस मौके पर पूरा मुलायम कुनबा मौजूद था. मुख्तार अंसारी की पार्टी को लेकर उठे पारिवारिक घमासान के बाद पहली बार लखनऊ में मुलायम और अखिलेश यादव साथ-साथ दिखे परन्तु चाचा शिवपाल इस कार्यक्रम में एक तो देर से पहुंचे और पुरे कार्यक्रम में मुलायम और अखिलेश से दुरी बना कर रखी. शिवपाल अमर सिंह के साथ पीछे बैठे दिखे. गये. मौका था रामगोपाल के 70 साल होने के मौके पर रामगोपाल पर छपी एक किताब “संसद में मेरी बात” का विमोचन का. इस कार्यक्रम में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और यूपी के सीएम अखिलेश यादव का शामिल होना तय था.लेकिन इस कार्यक्रम के लिए बांटे गए कार्ड में उनके नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं था. पिछले दिनों इस सियासी परिवार में मतभेद की तमाम ख़बरें आई थी. लिहाज़ा इसको लोग शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देख रहे थे. समाजवादी पार्टी के अंदर के बदलाव को यहां साफ देखा जा सकता था. इसके साथ ही यह भी नजर आ रहा था कि अखिलेश खेमा मजबूत हुआ है. मुख्तार की पार्टी के विलय को लेकर जो बवाल हुआ और उसके बाद जिस प्रकार के घटनाक्रम दिखे उससे शिवपाल ही हर मोर्चे पर मात खाते दिखे. अखिलेश ने मुख़्तार की पार्टी का विलय रद्द कर दिया वहीँ पिता मुलायम के कहने पर बलराम यादव को मंत्री पड़ पुनः देकर उनका मान भी रखा. जबकि शिवपाल हर जगह पिता-पुत्र के आगे असहाय नज़र आये. ऐसे में बड़ा यक्ष प्रश्न है कि अब शिवपाल क्या करेंगें? सपा को धोखेबाज पार्टी करार दिया हालांकि जिस कौमी एकता दल के विलय को लेकर मुलायम परिवार में विवाद हुआ, उस कौमी एकता दल ने अखिलेश यादव को विफल मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी को धोखेबाज पार्टी करार दिया है. मुख्तार की पार्टी के विलय को लेकर ही मुलायम परिवार का झगड़ा सामने आया है.

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