स्कूलों में बच्चों से बिहार की गाथा गवा अपने पापों को छुपाएगी नीतीश सरकार !

सरकार की विफलताओं से उबरने के लिए नितीश कुमार की कशमकश .

24 Jun 2016 |  831

पटना. शिक्षा से लेकर क़ानून व्यवस्था तक के मोर्चे पर पूरी तरह विफल हो रही महागठबंधन सरकार अपने फजीहत को कम करने के क्रम में सूबे के स्कूलों में बिहार की गौरवगाथा और उसके वैभव का गीत रोज गुनगुनाने का फरमान जारी करने जा रही है. ''आजा पुकारे बाहें पसारे, पूरब का उपहार है, धर्मों का संगम, कण-कण पावन है, ये देवों का बिहार है..." बिहार के स्कूलों में जल्द ही प्रतिदिन सुनाई दे सकती है. इस गीत को फिल्म पीके लव इज वेस्ट ऑफ टाइम गाना के लेखक अमिताभ वर्मा ने लिखा है. बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी की पहल पर इस गीत को तैयार किया गया है. शिक्षा मंत्री के अनुसार जल्द ही इस गीत को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुनाया जाएगा. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद यह गीत बिहार के सरकारी और निजी स्कूलों में गाया जाने लगेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस स्कूली गीत के माध्यम से बच्चों में छुटपन से बिहारी प्राइड भरने की कारगर कोशिश साबित होगी. अब सवाल है कि रोज स्कूल में गाथा गाकर कैसे बिहार के बच्चे बिहारी प्राइड को स्थापित कर पायेंगे जब सूबे की शिक्षा से लेकर क़ानून व्यवस्था तक चरमरा गयी है. आज भी हजारों स्कूलों के पास न तो ईमारत है और न प्रयाप्त शिक्षक. खुद सरकार के मंत्री से लेकर अधिकारी राज्य की शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने में लगे हैं ऐसे में बिहार की ऐतिहासिक गाथा गाने की ज्यादा जरुरत किसको हैं यह लाख टेक का सवाल है.

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